भाषांतर - नेपाली कविताएँ
नेपाली के इन पांच युवा कवियों की कवितायेँ हमें चंद्रा गुरुंग ने उपलब्ध कराई हैं. चंद्रा हिंदी नेपाली कविता के अध्येता हैं और दोनों ही भाषाओं के बीच अनुवाद का ज़रूरी काम कर रहे हैं. ये कवितायें अलग अलग मिजाज की हैं. प्रेम से लेकर राजनीति और स्त्रियों से भेदभाव जैसी मूल चिंताओं से समृद्ध इन कविताओं को पढ़ते हुए आप नेपाली कविता में उस स्वर की उत्कट अभिव्यक्ति का एहसास कर सकते हैं, जो हमारी समकालीन हिंदी कविता की भी मूल चिंता है. जिस दिन बेटी पैदा हुई मनु मन्जिल जिस दिन मैं पैदा हुई घूप ने आँगन में उतरने से इनकार कर दिया केवल एक परछाईं सलसलाती रही दहलीज के बाहर , दहलीज के भीतर और चेहरों पर। माँ के आँखों से बुरुंस का फूल अचानक कहीं गायब हुआ पिता कल ही की नीँद में उँघते रहे सुबह भी देर तक एक नयें यथार्थ की मौजूदगी नजर अंदाज करते रहे । प्रसवोत्तर – गन्ध आसपडोस में बस्साती रही माँ खुरदरे हातों से बासी तेल ठोकती रही माथे पे उनकी चञ्चल चूड़ियों में विरह की धुन बजती रहे । एक पुराना परदा झुलता रहा खिडकी पे गर्भ के बाहर भी सूरज ओझल होता रहा मैं और म