हमारे समय में
(यह कविता कोई सात साल पहले लिखी गयी थी और उस समय अक्षर पर्व में प्रकाशित भी हुई थी। पता नहीं क्यूआज इसे पोस्ट करने का जी हुआ) हमारे समय में शेर खतरनाक से दयनीय में तब्दील हो चुका है और मनुष्यों की सारी चिंता जानवरों के इर्द गिर्द सिमट गयी है। हमारे समय में अराजनीतिक होना महान राजनीतिग्य होने की सबसे ज़रूरी शर्त है और गरीबी हटाने का सर्वमान्य तरीका सबसे रईसों को और रईस बनाना है हमारे समय में कविता बंद कमरे में सिसकती औरत है और बंधी मुट्ठी सस्ती राजनीति यानी यह बिलकुल सही समय है सबकुछ उलट-पुलट देने का